मछली कितनी भी चालाक हो जाल में फंस ही जाती है इसलि | हिंदी कविता

"मछली कितनी भी चालाक हो जाल में फंस ही जाती है इसलिए कभी भी चालाकियां नहीं करना चाहिए कभी ना कभी फसना ही पड़ेगा ©Yogesh Kumar"

 मछली कितनी भी चालाक हो जाल में फंस ही जाती है इसलिए कभी भी चालाकियां नहीं करना चाहिए कभी ना कभी फसना ही पड़ेगा

©Yogesh Kumar

मछली कितनी भी चालाक हो जाल में फंस ही जाती है इसलिए कभी भी चालाकियां नहीं करना चाहिए कभी ना कभी फसना ही पड़ेगा ©Yogesh Kumar

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