हां मैं बदलने लगा हूं
और खुद में हो रहे उस बदलाव को
मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं
कितना अलग है यह पल यह अनुभूति
उस पल उस कल से
जहां किसी के भी सामने मैं
बार बार शर्म और झिझक के परदे में
छुप जाता था
लोगो की तमाम कोशिशें भी मुझे
शर्म और संकोच के उस परदे से
बाहर नही आने देती थी
हां मैं बदलने लगा हूं,,,
##
अमित
©Amitabh kumar haihayvansi
हां मैं बदलने लगा हूं