ना जाने क्यूँ संग चलते-चलते हम बीच राह में ही बिछड़ गए,
इश्क़ में अभी निखरे ही थे पर ना जाने क्यूँ अचानक बिखर गए,
किया था फ़रियाद कभी उससे संग जिंदगी गुजारने की ,
पर देख उसके इरादे हम भी उसके हाथों को उसके रक़ीब को सौंप गए ।।
©Avinash Lal Das
# सौंप गए #