कोई पास होकर भी
दूर जा रहा है
और कोई दूर होकर भी
पास आ रहा है
यह कैसी समस्या है
जो समझ में नहीं आ रहा है
उलझन को सुलझाने में
ये डोर फंसता जा रहा है
हर उम्मीद को पाने में
ये और उलझता जा रहा है
जिंदगी के सफ़र में
कुछ पीछे छूटता जा रहा है
©Nitu Singh जज़्बातदिलके
कोई पास होकर भी
दूर जा रहा है
और कोई दूर होकर भी
पास आ रहा है
यह कैसी समस्या है
जो समझ में नहीं आ रहा है
उलझन को सुलझाने में
ये डोर फंसता जा रहा है