White अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया
जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया
काग़ज़ में दब के मर गए कीड़े किताब के
दीवाना बे-पढ़े-लिखे मशहूर हो गया
महलों में हम ने कितने सितारे सजा दिए
लेकिन ज़मीं से चाँद बहुत दूर हो गया
तन्हाइयों ने तोड़ दी हम दोनों की अना!
आईना बात करने पे मजबूर हो गया
दादी से कहना उस की कहानी सुनाइए
जो बादशाह इश्क़ में मज़दूर हो गया
सुब्ह-ए-विसाल पूछ रही है अजब सवाल
वो पास आ गया कि बहुत दूर हो गया
कुछ फल ज़रूर आएँगे रोटी के पेड़ में
जिस दिन मिरा मुतालबा मंज़ूर हो गया
©Jashvant
हो गया @Ek Alfaaz Shayri Nîkîtã Guptā Rukhsana Khatoon Dr.Mahira khan Chanda