allahamdolillah
मेरी गजल को
महाराष्ट्र की
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छपा गया✍️🤗😇
©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
ग़ज़ल
जनाब हमने मक्कारो की हरकत भी देखी दिलों को आग लगाने की फितरत भी देखी/१
वो जो कहते थे,रहेंगे हम तेरे दिल में हरसू,उन्हीं के दम से सांसों की ये शामत भी देखी/२
लड़ाई मुझसे से नहीं,मेरी कमाई हुई दौलत से थी,उफ़ मेरी आसुदगी की ये तिजारत भी देखी//३
बला की ख़ुदपरस्ती में*विरसा से कर बेदखल,बस हम ही खायेंगे विरसा,ऐसे बईमान की ये हसरत भी देखी//४