साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन, तूफ़ानो स | हिंदी Shayari

"साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन, तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है, कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन, उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।"

 साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन,
तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,
कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,
उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।

साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन, तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है, कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन, उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।

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