"देखो ये तो कोई बात नहीं
क्या तुममे कोई जज्बात नहीं
भींगी पलके औ रूखा चेहरा
ऐसे न बीतेगी न रात कहीं
अरे बतलाओ अब तो प्यारे
प्राण तुम्हारे दिखते है कैसे
जीवित न लगती गात कहीं
बीत रही जीवन की कडियां
अब ऐसे न बैठो हार मानकर
प्रतिक्षण बहती ये वात नई
देखो ये तो कोई बात नहीं
क्या तुममे कोई जज्बात नहीं
©Shilpa yadav
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