कुछ दिये जलायें हैं मन में।
यादों की लौ में रहने को।
बाती सी तुम जलती रहना।
हृदय-मंदिर में रहने को।
आतिशबाजी एहसासों की।
सुनकर भयभीत न हो जाना।
मीठी,मनभावन आंखो से।
हमको भी मीठा दे जाना।
वैभव और खुशियों का पल ये।
तुमसे हैं ये दोनों मेरे।
बस इतना ही रखना है सदा।
उजियारा हर कोनों मेरे।
©Anand Prakash Nautiyal tnautiyal
#HappyDhanteras2023