White ...निकल गयी वो राह पे
जो राह की तलाश थी,
मिला मुझे वो राह पर
धुंधली पड़ी मेरी आस थी
गिर चली मैं बार -बार
बस अब उठने की एक आस थी
जो चाहा है वो पाया है
बस यही बात मुझमे कुछ खास थी
ना रुक सकू ना मुड़ सकु
बस जितने की प्यास थी,
जानती हूँ वो राह (चुनौती )
पर बार -बार आएगा
फिर उठूंगी फिर मुझे
एक बार गिराएगा
मन कमजोर पड़ा तो
हल्का सा सहलाएगा
निकल गयी वो राह पे
जो राह की तलाश थी
मिला मुझे वो राह पर
धुंधली पड़ी मेरी आस थी............
©follow your heart# megha sen
#आस