White पल्लव की डायरी वोटो तक सीमित,अधिकार हमारे उस | हिंदी कविता Video

"White पल्लव की डायरी वोटो तक सीमित,अधिकार हमारे उसमे भी छल बल हजारो है जाति धर्म भाषा हावी ,नेताओ को खूब सुहाते है संसद तो रखेल है उद्योगपतियों के लिये जनता को सकून नही दिया जाता है चन्दा पार्टियो का इतना बढ़ गया मगर जनता को हाशिये पर रखा जाता है चोरी और हेकड़ी इतनी बढ़ गयी वोटो की दलों की घोषणाओं में दमन दिखता है लोकतंत्र की खूबसूरती बदरंग लगती आम आदमी घुट घुट कर मरता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" "

White पल्लव की डायरी वोटो तक सीमित,अधिकार हमारे उसमे भी छल बल हजारो है जाति धर्म भाषा हावी ,नेताओ को खूब सुहाते है संसद तो रखेल है उद्योगपतियों के लिये जनता को सकून नही दिया जाता है चन्दा पार्टियो का इतना बढ़ गया मगर जनता को हाशिये पर रखा जाता है चोरी और हेकड़ी इतनी बढ़ गयी वोटो की दलों की घोषणाओं में दमन दिखता है लोकतंत्र की खूबसूरती बदरंग लगती आम आदमी घुट घुट कर मरता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#VoteForIndia वोटो तक सीमित अधिकार हमारे,उसमे भी छल बल हजारो
#nojotohindi

People who shared love close

More like this

Trending Topic