मुझे पता नही की क्युओं होता है मुझ पर वार अनजानों | हिंदी शायरी

"मुझे पता नही की क्युओं होता है मुझ पर वार अनजानों का क्या मै इतना गिरा हूं की लोग मुझे समझें मोहताज दानों का वक्त की बात है वक्त सवका बदलता है मेहनत करूंगा इतनी की सवाल उठेगा नहीं बहानों का ©Kuldeep kushwaha"

 मुझे पता नही की क्युओं होता है मुझ पर वार अनजानों का

क्या मै इतना गिरा हूं की लोग मुझे समझें मोहताज  दानों का
वक्त की बात है वक्त सवका बदलता है 
मेहनत करूंगा इतनी की सवाल उठेगा नहीं बहानों का

©Kuldeep kushwaha

मुझे पता नही की क्युओं होता है मुझ पर वार अनजानों का क्या मै इतना गिरा हूं की लोग मुझे समझें मोहताज दानों का वक्त की बात है वक्त सवका बदलता है मेहनत करूंगा इतनी की सवाल उठेगा नहीं बहानों का ©Kuldeep kushwaha

Josh

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