उसे अपने वक़्त पर कुछ इस कदर गुरूर हो गया , कि एक | हिंदी कविता Video

"उसे अपने वक़्त पर कुछ इस कदर गुरूर हो गया , कि एक पल में एक उम्र का ख्वाब चकनाचूर ही गया । जो सोचता था कि वो पूरा घर चलाता है , आज एक कदम न चल पाया इतना मजबूर हो गया । कुछ आये अपनापन जताने उनके आने से आधा दर्द दूर हो गया , पर दुख में साथ देती है सिर्फ पत्नी ये अहसास जरूर हो गया। ©दिनेश "

उसे अपने वक़्त पर कुछ इस कदर गुरूर हो गया , कि एक पल में एक उम्र का ख्वाब चकनाचूर ही गया । जो सोचता था कि वो पूरा घर चलाता है , आज एक कदम न चल पाया इतना मजबूर हो गया । कुछ आये अपनापन जताने उनके आने से आधा दर्द दूर हो गया , पर दुख में साथ देती है सिर्फ पत्नी ये अहसास जरूर हो गया। ©दिनेश

#Raat सुख- दुख की साथी

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