ॐ का दूसरा नाम प्रणव (परमेश्वर) है। “तस्य वाचकः

"ॐ का दूसरा नाम प्रणव (परमेश्वर) है। “तस्य वाचकः प्रणवः“ अर्थात् उस परमेश्वर का वाचक प्रणव है। इस तरह प्रणव अथवा ॐ एवं ब्रह्म में कोई भेद नहीं है। ॐ अक्षर है इसका क्षरण अथवा विनाश नहीं होता। ©Mukesh Rathore (Bannykrezy4)"

 ॐ का दूसरा नाम प्रणव (परमेश्वर) है। 

“तस्य वाचकः प्रणवः“ अर्थात्

 उस परमेश्वर का वाचक प्रणव है।

 इस तरह प्रणव अथवा

ॐ एवं ब्रह्म में कोई भेद नहीं है। 

ॐ अक्षर है  इसका क्षरण अथवा विनाश नहीं होता।

©Mukesh Rathore (Bannykrezy4)

ॐ का दूसरा नाम प्रणव (परमेश्वर) है। “तस्य वाचकः प्रणवः“ अर्थात् उस परमेश्वर का वाचक प्रणव है। इस तरह प्रणव अथवा ॐ एवं ब्रह्म में कोई भेद नहीं है। ॐ अक्षर है इसका क्षरण अथवा विनाश नहीं होता। ©Mukesh Rathore (Bannykrezy4)

#God
#omnamahshivaya
#Bannykrezy4

People who shared love close

More like this

Trending Topic