बिना बात के ही रूठने की आदत हैं, किसी अपने का साथ | हिंदी शायरी

"बिना बात के ही रूठने की आदत हैं, किसी अपने का साथ पाने की चाहत हैं, तुम खुश रहो, मेरा क्या है, मैं तो आइना हूँ, टूटने की आदत हैं!! ©Kusum Nishad"

 बिना बात के ही रूठने की आदत हैं, किसी अपने का साथ पाने की चाहत हैं, तुम खुश रहो, मेरा क्या है, मैं तो आइना हूँ, टूटने की आदत हैं!!

©Kusum Nishad

बिना बात के ही रूठने की आदत हैं, किसी अपने का साथ पाने की चाहत हैं, तुम खुश रहो, मेरा क्या है, मैं तो आइना हूँ, टूटने की आदत हैं!! ©Kusum Nishad

Irfan Saeed Writer Geeta Modi @MAHENDRA KUMAR UJAGAR @Suraj Pandit @Arun Raaj

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