वैशियत के तेजाब ने झुलसाये जाने कितने चाँद हे ईश्व | हिंदी Poetry Vide

"वैशियत के तेजाब ने झुलसाये जाने कितने चाँद हे ईश्वर उसके घर चाँद से चेहरे पर दाग-धब्बे वाली लड़की दे तीन पीढ़ी तक वो नाक रगड़े हर चौखट पर अपनी बेटी, बहन, पोत के विवाह के लिए मरते दम तक और कोसे उस दिन को जब तेजाब को हाथ लगाया था उसने ©Parul Sharma "

वैशियत के तेजाब ने झुलसाये जाने कितने चाँद हे ईश्वर उसके घर चाँद से चेहरे पर दाग-धब्बे वाली लड़की दे तीन पीढ़ी तक वो नाक रगड़े हर चौखट पर अपनी बेटी, बहन, पोत के विवाह के लिए मरते दम तक और कोसे उस दिन को जब तेजाब को हाथ लगाया था उसने ©Parul Sharma

#तेजाब
वैशियत के तेजाब ने झुलसाये जाने कितने चाँद
हे ईश्वर उसके घर चाँद से चेहरे पर
दाग-धब्बे वाली लड़की दे तीन पीढ़ी तक
वो नाक रगड़े हर चौखट पर
अपनी बेटी, बहन, पोत
के विवाह के लिए मरते दम तक
और कोसे उस दिन को

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