रात-रात भर आंखों से तकिए पे बहता है-२ ये इश्क़ का | हिंदी Shayari

"रात-रात भर आंखों से तकिए पे बहता है-२ ये इश्क़ का दर्द है साहेब, डुबा के जान ले लेगा। 'यदुराज'"

 रात-रात भर आंखों से तकिए पे बहता है-२
ये इश्क़ का दर्द है साहेब,
डुबा के जान ले लेगा।

'यदुराज'

रात-रात भर आंखों से तकिए पे बहता है-२ ये इश्क़ का दर्द है साहेब, डुबा के जान ले लेगा। 'यदुराज'

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