यकीनन कितनी किताबें लिख देता हूँ तुम पर .... जिस र | हिंदी कविता Video

यकीनन कितनी किताबें लिख देता हूँ तुम पर ....
जिस रात मेरी आँखें नहीं सोती ....
जब आखों से नींद का रिस्ता टूट जाता है ,
बस उन्हें ही मालूम है...
सूरज चाचा से मिलने में कितनी सदियां गुज़रती हैं...
🤔निशीथ🤔

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