कोई आगोस ना रास...
आएगा मेरे आगोश के बाद...
कच्ची मिट्टी की मूर्त सा
पिघल रहा है वो...
इस बारिश के बाद ..
ये हसीन जिंदगी
फक्त जिंदगी रह जाएगी...
कुछ यूं फिसल जायेगे
हम तेरी मुट्ठी से
इस वक्त के बाद ...
इबादत का दौर भी ...
अब खत्म होने को है ....
अब मन्नत के लिए भी
कुछ नही बचेगा
इस हसरत के बाद ....
कोई आगोस ना रास आएगा
मेरे आगाेस के बाद
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©बाबा ब्राऊनबियर्ड