White अगर आप नही होते खड़े स्वयं अपने हक़ के लि | हिंदी कविता

"White अगर आप नही होते खड़े स्वयं अपने हक़ के लिए अगर आप नहीं लड़ते स्वयं के हक़ की लड़ाई तो आप बन जाते है कायर और करते है इंतेज़ार उस फरिश्ते का जो कुर्बान करे अपनी ज़िंदगी तुम्हारे हक़ के लिए और तुम तमाशबीन होकर देखते रहो तमाशा। इसी कायरता भरे जीवन मे हम सब कर लेते है स्वयं को एक तेखाने मे क़ैद जहाँ ज़िंदगी बन जाती है मात्र एक सपना। ©Bhupendra Rawat"

 White अगर आप नही होते  
खड़े स्वयं 
अपने हक़ के लिए
अगर आप नहीं लड़ते 
स्वयं के हक़ की लड़ाई
तो आप बन जाते है कायर
और करते है इंतेज़ार
उस फरिश्ते का 
जो कुर्बान करे अपनी ज़िंदगी
तुम्हारे हक़ के लिए
और तुम तमाशबीन होकर
देखते रहो तमाशा। 
इसी कायरता भरे जीवन मे
हम सब कर लेते है
स्वयं को
 एक तेखाने मे क़ैद
जहाँ ज़िंदगी बन जाती है
मात्र एक सपना।

©Bhupendra Rawat

White अगर आप नही होते खड़े स्वयं अपने हक़ के लिए अगर आप नहीं लड़ते स्वयं के हक़ की लड़ाई तो आप बन जाते है कायर और करते है इंतेज़ार उस फरिश्ते का जो कुर्बान करे अपनी ज़िंदगी तुम्हारे हक़ के लिए और तुम तमाशबीन होकर देखते रहो तमाशा। इसी कायरता भरे जीवन मे हम सब कर लेते है स्वयं को एक तेखाने मे क़ैद जहाँ ज़िंदगी बन जाती है मात्र एक सपना। ©Bhupendra Rawat

#where_is_my_train अगर आप नही होते
खड़े स्वयं
अपने हक़ के लिए
अगर आप नहीं लड़ते
स्वयं के हक़ की लड़ाई
तो आप बन जाते है कायर
और करते है इंतेज़ार
उस फरिश्ते का

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