ज़िन्दगी का खेल"
जिंदगी के खेल अनगिनत
हैं और उसमें भी कुछ निराले हैं।
उनमें से दिल का एक खेल
मोहब्बत है और कुछ खेलने वाले हैं।
नाम सुनते ही मोहब्बत
का, सबके कान खड़े हो जाते हैं।
अब लगा , कहेगा कोई उसका दिल
टूटा ,या उसकी तिज़ोरी के ताले टूटने वाले हैं ।
जुए में हर के बैठे हैं दिल की बाज़ी ,
हैं दिलजले ज़रूर ,मगर बड़े ही दिलवाले हैं ।
ऐ खेल मोहब्बत का, हर कोई खेल नहीं
सकता, कहीं पे महफिल हैं ,कहीं दर्द के नाले हैं।
©Anuj Ray
# ज़िन्दगी के खेल