कैसे बंधन कैसे अपने सब ही तो मतलब के मारे जब तक | हिंदी शायरी Video

"कैसे बंधन कैसे अपने सब ही तो मतलब के मारे जब तक तुमसे मिलता ईंधन तुम तब तक ही लगते प्यारे । जिव्हा का और अंतर्मन का अब तारतम्य बस टूटा है सिर्फ शोर और है शोर कीमती सच पर भारी हर झूठा है । कैसे अब गुल खिल सके यहां जो हर ख्वाहिश ही दुश्मने चमन मुर्दों की बस्ती में जाने क्यों साँसें ढूँढ़ रहा है पागल मन ।। ©Dinesh Paliwal "

कैसे बंधन कैसे अपने सब ही तो मतलब के मारे जब तक तुमसे मिलता ईंधन तुम तब तक ही लगते प्यारे । जिव्हा का और अंतर्मन का अब तारतम्य बस टूटा है सिर्फ शोर और है शोर कीमती सच पर भारी हर झूठा है । कैसे अब गुल खिल सके यहां जो हर ख्वाहिश ही दुश्मने चमन मुर्दों की बस्ती में जाने क्यों साँसें ढूँढ़ रहा है पागल मन ।। ©Dinesh Paliwal

#thepredator

People who shared love close

More like this

Trending Topic