सूरज को मून समझ रहें हैं लोग मई को ही जून समझ रहें | हिंदी शायरी

"सूरज को मून समझ रहें हैं लोग मई को ही जून समझ रहें हैं लोग दो–चार बूंदें क्या गिरी आसमान से इसी को मानसून समझ रहें हैं लोग ©Arun Kumar Vishwas"

 सूरज को मून समझ रहें हैं लोग
मई को ही जून समझ रहें हैं लोग

दो–चार बूंदें क्या गिरी आसमान से
इसी को मानसून समझ रहें हैं लोग

©Arun Kumar Vishwas

सूरज को मून समझ रहें हैं लोग मई को ही जून समझ रहें हैं लोग दो–चार बूंदें क्या गिरी आसमान से इसी को मानसून समझ रहें हैं लोग ©Arun Kumar Vishwas

#baarish #गर्मी #बूंदे #मानसून

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