White प्रकृति को नहीं पसंद ठहराव, प्रकृति को पसंद
एक लक्ष्योन्मुखी अनुशासित यात्रा की प्यास में निरंतर बढ़ते रहना।
और लक्ष्य प्राप्ति होने पर नए लक्ष्य का चुनाव फिर आगे बढ़ना।
क्योंकि प्रकृति को नहीं पसंद है ठहराव।
अगर हम ठहरने हेतु बनाए आवास ,
तो प्रकृति होता है क्रुद्ध आती है आपदा।
उठो तालाश करो आपदा में अवसर चलते रहने का।।
✍️✍️ विमोहक
©विमोहक काव्य लेखनी
#ठहराव