देखा है मैंने एक भारत... अनेकताओं में एकता का भारत | हिंदी विचार
"देखा है मैंने एक भारत...
अनेकताओं में एकता का भारत...
गांवों को शहरों से जोड़ता भारत...
नदियों को समन्दर की लहरों में मोड़ता भारत...
यहीं है गंगा, यहीं यमुना, ब्रह्मपुत्र, भागीरथी...
तो यहीं होती है तीरथ...
-जय हिन्द, जय भारत-"
देखा है मैंने एक भारत...
अनेकताओं में एकता का भारत...
गांवों को शहरों से जोड़ता भारत...
नदियों को समन्दर की लहरों में मोड़ता भारत...
यहीं है गंगा, यहीं यमुना, ब्रह्मपुत्र, भागीरथी...
तो यहीं होती है तीरथ...
-जय हिन्द, जय भारत-