नवरात्रि का दूसरा दिन है , मां ब्रह्मचारिणी का l
मां दुर्गा को दूसरा रुप है , मां ब्रह्मचारिणी का ll
तपस्विनी माता , सात्विक रुप धारण करती है l
पूजा करने से भक्तों के , सारे कष्ट को वो हरती है l
श्वेत वस्त्र मां धारण करती , तपस्या सदा ही वो करती है l
तपस्या करने से , सारी सिद्धियां भक्तों को वो देती है ll
दूध चावल से बना भोग , मां बड़ा प्रिय वो लगता है l
खीर,पतासे, पान, सुपारी , मां को बहुत चढ़ाते हैं ll
स्वच्छ आसन पर बैठकर , मां का करें ध्यान l
मंत्र जाप करने से , माता कल्याण करती है ll
राजा हिमाचल के यहां , माता उत्पन्न हुई थी l
विधाता उनके लिए , शिव-संबंध रच रखे थे ll
वह पति रुप में , भगवान शिव को चाहती थी l
घोर तपस्या करने , वह फिर जंगल में चली गई ll
भोलेशंकर , मां के तपस्या जब प्रसन्न हुए
मनवांछित वर देने के लिए हो गए तत्पर ll
तपस्विनी रुप में , मां को देखकर बोले शिवशंकर l
ब्रह्मचारिणी नाम से , विख्यात होने का दिए वर ll
©Shivkumar
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