रोज़ाना मोहब्बत में कलम चलाना, आज से मेरा इक कारोबा | हिंदी Shayari

"रोज़ाना मोहब्बत में कलम चलाना, आज से मेरा इक कारोबार बन गया........ सुबह-ओ-शाम उसके दीदार का, अब जाने क्यों मैं तलबगार बन गया........ जिसकी नज़रों में इक ज़माने में मैं, पगल आशिक दीवाना बना रहता था....... आजकल उसकी कातिल नज़रों में, मैं निकम्मा नाकारा बेकार बन गया......... ©Poet Maddy"

 रोज़ाना मोहब्बत में कलम चलाना,
आज से मेरा इक कारोबार बन गया........
सुबह-ओ-शाम उसके दीदार का,
अब जाने क्यों मैं तलबगार बन गया........
जिसकी नज़रों में इक ज़माने में मैं,
पगल आशिक दीवाना बना रहता था.......
आजकल उसकी कातिल नज़रों में,
मैं निकम्मा नाकारा बेकार बन गया.........

©Poet Maddy

रोज़ाना मोहब्बत में कलम चलाना, आज से मेरा इक कारोबार बन गया........ सुबह-ओ-शाम उसके दीदार का, अब जाने क्यों मैं तलबगार बन गया........ जिसकी नज़रों में इक ज़माने में मैं, पगल आशिक दीवाना बना रहता था....... आजकल उसकी कातिल नज़रों में, मैं निकम्मा नाकारा बेकार बन गया......... ©Poet Maddy

रोज़ाना मोहब्बत में कलम चलाना,
आज से मेरा इक कारोबार बन गया........
#write#Love#Business#Morning#evening#slave#lover#crazy#MurderousEyes#useless.........

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