White मनहरण घनाक्षरी :- साथ-साथ चले हम , रहे नही कोई गम ,
बीती सारी बातें अब , तुम भी बिसारिये ।
चाँद सी है महबूबा , सब देख-देख डूबा ,
आप भी एक नज़र , इधर निहारिये ।
बात कहूँ लाख टका , जब-जब तुम्हें तका ,
दिल कहे एक बार , आप भी पुकारिये ।
रूप है सलोना यह, दिल न खिलौना यह,
बात मेरी मानकर , प्रीत से सँवारिये ।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- साथ-साथ चले हम , रहे नही कोई गम ,
बीती सारी बातें अब , तुम भी बिसारिये ।
चाँद सी है महबूबा , सब देख-देख डूबा ,
आप भी एक नज़र , इधर निहारिये ।
बात कहूँ लाख टका , जब-जब तुम्हें तका ,
दिल कहे एक बार , आप भी पुकारिये ।
रूप है सलोना यह, दिल न खिलौना यह,
बात मेरी मानकर , प्रीत से सँवारिये ।