मैं 'दीप ' हूँ मेरी अहमियत को समझो अँधेरों मे | हिंदी शायरी

"मैं 'दीप ' हूँ मेरी अहमियत को समझो अँधेरों में मेरी खूबी पता चलेगी उजालों में देखोगे गैरज़रूरी नज़र आऊंगा मैं ©Deepak Kumar 'Deep'"

 मैं  'दीप '  हूँ 
मेरी अहमियत  को समझो 
अँधेरों में 
मेरी खूबी पता  चलेगी 
उजालों  में  देखोगे 
गैरज़रूरी  नज़र आऊंगा मैं

©Deepak Kumar 'Deep'

मैं 'दीप ' हूँ मेरी अहमियत को समझो अँधेरों में मेरी खूबी पता चलेगी उजालों में देखोगे गैरज़रूरी नज़र आऊंगा मैं ©Deepak Kumar 'Deep'

#deepak

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