ये कैसा आ गया है अज़ाब आजकल! मुब्तिला तिरगी में आ | हिंदी शायरी Video

"ये कैसा आ गया है अज़ाब आजकल! मुब्तिला तिरगी में आफताब आजकल! शिनाख्त आदमी की मुश्किल है भीड़ में फिरता है चेहरे पे लिए नकाब आजकल! कांटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाजत कांटों से घिर गया है लो गुलाब आजकल! बनती हैं कागज़ों पे सड़कें बड़ी बड़ी बिखरे हैं राह में रस्ते खराब आजकल! परिशा हैं हर बशर यहां हुकूमत के जुल्म से उचक्को की है सियासत जनाब आजकल! ©मोहम्मद मुमताज हसन "

ये कैसा आ गया है अज़ाब आजकल! मुब्तिला तिरगी में आफताब आजकल! शिनाख्त आदमी की मुश्किल है भीड़ में फिरता है चेहरे पे लिए नकाब आजकल! कांटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाजत कांटों से घिर गया है लो गुलाब आजकल! बनती हैं कागज़ों पे सड़कें बड़ी बड़ी बिखरे हैं राह में रस्ते खराब आजकल! परिशा हैं हर बशर यहां हुकूमत के जुल्म से उचक्को की है सियासत जनाब आजकल! ©मोहम्मद मुमताज हसन

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