कुछ यादें चुभती हैं ताउम्र नासूर बन कर सीने में... | हिंदी विचार

"कुछ यादें चुभती हैं ताउम्र नासूर बन कर सीने में... कुछ हादसे गुज़र कर भी ठहर जाते हैं जेहन में.. साथ रहते हैं क़ज़ा तक ! ... ©Anubha "Aashna""

 कुछ यादें चुभती हैं ताउम्र
नासूर बन कर सीने में...
कुछ हादसे गुज़र कर भी
ठहर जाते हैं जेहन में..
साथ रहते हैं क़ज़ा तक !



...

©Anubha "Aashna"

कुछ यादें चुभती हैं ताउम्र नासूर बन कर सीने में... कुछ हादसे गुज़र कर भी ठहर जाते हैं जेहन में.. साथ रहते हैं क़ज़ा तक ! ... ©Anubha "Aashna"

#जज़्बात_ए_आशना #old_memories

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