ये रात ढल गई इक नई सुबह के लिए इक नासुर ज़ख्म बनकर | हिंदी Video

"ये रात ढल गई इक नई सुबह के लिए इक नासुर ज़ख्म बनकर सुख गई फिर से मुस्कुराने के लिए । आएंगी नई सुबह इक नई सौगात लेकर उम्मीद का दामन अभी छोड़ा नहीं हमने कुछ अच्छा होगा एक दिन इस जीवन में यही सोचकर ईश्वर के आगे अपने आप को अब सौंप दिया है हमने। ©Sarita Kumari Ravidas "

ये रात ढल गई इक नई सुबह के लिए इक नासुर ज़ख्म बनकर सुख गई फिर से मुस्कुराने के लिए । आएंगी नई सुबह इक नई सौगात लेकर उम्मीद का दामन अभी छोड़ा नहीं हमने कुछ अच्छा होगा एक दिन इस जीवन में यही सोचकर ईश्वर के आगे अपने आप को अब सौंप दिया है हमने। ©Sarita Kumari Ravidas

#Apocalypse
उम्मीद का दामन
#Nojoto #poem

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