नज़र में दर्द कितना है हमें मालूम है कौन हमदर्द क | हिंदी Shayari

"नज़र में दर्द कितना है हमें मालूम है कौन हमदर्द कितना है हमें मालूम है रगड़कर न जताओ हथेलियां ये मौसम सर्द कितना है हमें मालूम है ©WAJAH"

 नज़र में दर्द कितना है
हमें मालूम है

कौन हमदर्द कितना है 
हमें मालूम है

रगड़कर न जताओ हथेलियां 

ये मौसम सर्द कितना है
हमें मालूम है

©WAJAH

नज़र में दर्द कितना है हमें मालूम है कौन हमदर्द कितना है हमें मालूम है रगड़कर न जताओ हथेलियां ये मौसम सर्द कितना है हमें मालूम है ©WAJAH

#Wajah

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