White क्या कसूर था मेरे दिल
जो इतना दर्द इसे मिला
कुछ दिन की खुशियाँ करीब रही
फिर उदासियों ने चहरे को झुलसा दिया
नादान थे हम नहीं समझ पाए वक्त़ की मार को
तभी तो हर मोड़ पर तन्हा कर छोड़ दिया
पल पल मर रहे हैं मोहब्बत की जुदाई में
बेवफा ना वो निकला
ना हमने कोई गुनाह किया
दुश्मन थे हमारी मोहब्बत के कुछ लोग
उनकी झूठी शान ने हमें अलग किया
कोई कसूर नहीं था दिल ए नादान का हमारे
फिर भी इसने इतना दर्द सहा
©writer....Nishu...
#मेरे दिल का ना कसूर कोई