White पल्लव की डायरी
बंजर है जमीन,प्यासा मानव तड़प रहा है
कुआँ बाबड़ी चढ़ गयी विकास की भेंट
वैश्वीकरण के नाम पर
पानी भी मोल बिक रहा है
धर दिये पांव खगोलीय मंगल और चांद पर
मगर बौना आम आदमी को कर रहा है
चन्द लोगो को सौगात देकर
संवेदना और आँखों का पानी गरीबो के लिये
दुनिया मे मर रहा है
हित अपने साधने के लिये, आकाओ द्वारा
कई देशों का अस्तित्व दाँव पर लग रहा है
मूल भूत सुविधाओं का अकाल सा हो गया
मगर झूठे विकास पर इतराना गजब हो गया है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Night बौना आम आदमी को कर रहा है
#nojotohindi