हम सदैव अपने चरित्र को अपने मित्रों की दृष्टि से | हिंदी Video

""हम सदैव अपने चरित्र को अपने मित्रों की दृष्टि से देखते हैं, इसलिए उसका विकास अवरूद्ध हो जाता है। किंतु व्यक्तित्व के विकास के लिए शत्रु दृष्टि का सत्य जानना भी आवश्यक होता है" साभार -आशुतोष राना (सर जी) ©Pooja Srivastava "

"हम सदैव अपने चरित्र को अपने मित्रों की दृष्टि से देखते हैं, इसलिए उसका विकास अवरूद्ध हो जाता है। किंतु व्यक्तित्व के विकास के लिए शत्रु दृष्टि का सत्य जानना भी आवश्यक होता है" साभार -आशुतोष राना (सर जी) ©Pooja Srivastava

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