White हरिहरण घनाक्षरी
जला दीप छुपा तम, दूर हुए सभी गम,
नाचे मन जम जम, बाजे वीणा झन झन।
आई नव भोर जब, तमस भी मिटा तब,
धुला धुला जग सब, खिल गया वन-वन।
ज्ञान का प्रकाश जग, तमस तुणीर भग,
चहके है नीड़ खग, बाजे घंटा घन-घन।
रवि किरण उतर, बैठ गई द्वार पर,
गया अँधियारा डर, छन गया छन-छन।
©Godambari Negi
#तमस