इश्क़ छुपता नहीं है"
इश्क़ छुपता नहीं है, ज़मान
में अब कहीं भी, किसी डर से।
मौत घबरा के आशिकों
की आशिकी से हार जाती है।
मुस्कुरा उठती है आरज़ू दिल की,
पलकों में रोशनी से जगमगाती है।
बहारें बांध के सेहरा,
मेरे महबूब का जब आती हैं।
©Anuj Ray
# इश्क़ छुपता नहीं है"