कश्तियां खूंटों से बांध दो अपनी ये साहिल ऐतबार के | हिंदी Shayari

"कश्तियां खूंटों से बांध दो अपनी ये साहिल ऐतबार के काबिल नहीं रहा"

 कश्तियां खूंटों से बांध दो अपनी

ये साहिल ऐतबार के काबिल नहीं रहा

कश्तियां खूंटों से बांध दो अपनी ये साहिल ऐतबार के काबिल नहीं रहा

#मुसाफिर #सहर#गलियों

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