रेत सी होती हैं उदासी.. बस हाथ खोलो खुदमखुद किनारे | हिंदी विचार

"रेत सी होती हैं उदासी.. बस हाथ खोलो खुदमखुद किनारे होनी हैं.. बंद मुठ्ठी खोल दो.... अलविदा बोल दो.... ©प्रीति"

 रेत सी होती हैं उदासी..
बस हाथ खोलो खुदमखुद किनारे होनी हैं..
बंद मुठ्ठी खोल दो....
अलविदा बोल दो....

©प्रीति

रेत सी होती हैं उदासी.. बस हाथ खोलो खुदमखुद किनारे होनी हैं.. बंद मुठ्ठी खोल दो.... अलविदा बोल दो.... ©प्रीति

#PhisaltaSamay

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