मैं कई दिनों तक
पानी पीए बिना रह सकता हूं,
इसलिए मैं रेगिस्तान का
जहाज कहलाता हूं ।
मुझे पेड़ों का
चारा खाना पसंद करता हूं,
मेले में मनोरंजन का
साधन भी बनता हूं।
किसानों की आय
का जरिया भी हूं,
सवारी का साधन भी हूं।
धरती का सुंदर प्राणी भी हूं,
घटती संख्या से आहत भी हूं।
©Shishpal Chauhan
# ऊंट