White मैं निकला ढूंढन खुशी
खुश न मिलया कोय
उलझा मन मोह माया में
फिर खुशी कहां से होय
टोता नहीं कोई मन आपणा
बात बेगानी पे मरा
देख सुख पराए का, प्राणी
तू क्यों जल रहा
ढूंढ पाता नहीं मन के भीतर
ही राम है,क्या जरूरत
तुझको मंदिर मस्जिद की
तेरा मन ही चारों धाम है
©पथिक..
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