कितनी नदियां सीमेंट के समा गईं जिसमें, न जाने क्यो | हिंदी शायरी Video

"कितनी नदियां सीमेंट के समा गईं जिसमें, न जाने क्यों समंदर भी मुझे, प्यासा दिखा। सब अधूरे हैं बादलों के बिना, जहां-जहां भी नज़र डाली ,तड़प का अलग ही एक नजारा देखा। ©Anuj Ray "

कितनी नदियां सीमेंट के समा गईं जिसमें, न जाने क्यों समंदर भी मुझे, प्यासा दिखा। सब अधूरे हैं बादलों के बिना, जहां-जहां भी नज़र डाली ,तड़प का अलग ही एक नजारा देखा। ©Anuj Ray

#सब अधूरे हैं बादलों के बिना"

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