फिर से नया उजाला लेकर आया हूँ, मैं नई भोर का सूरज | हिंदी कविता

"फिर से नया उजाला लेकर आया हूँ, मैं नई भोर का सूरज हूँ, अँधेरा मिटाने आया हूँ🙏🙏 मैं नई उम्मीद जगाने आया हूँ, मेहनत की गर्मी से आलस पिघलाने आया हूँ, मैं रोशनी फैलाने आया हूँ, मैं रोशनी फैलाने आया हूँ। नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं... आप सभी स्वस्थ रहे और अपनी लगन और मेहनत से नई ऊंचाईओं को छुएं, यही कामना है🙏🙏 आप सभी अपना प्यार और साथ ऐसे ही बनाएं रखे। ~~दीपिकामिश्रा @deepika079 ©Deepika Mishra"

 फिर से नया उजाला लेकर आया हूँ, मैं नई भोर का सूरज हूँ, अँधेरा मिटाने आया हूँ🙏🙏

मैं नई उम्मीद जगाने आया हूँ,
मेहनत की गर्मी से आलस पिघलाने आया हूँ,

मैं रोशनी फैलाने आया हूँ,
मैं रोशनी फैलाने आया हूँ।

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...

आप सभी स्वस्थ रहे और अपनी लगन और मेहनत से नई ऊंचाईओं को छुएं, यही कामना है🙏🙏

आप सभी अपना प्यार और साथ ऐसे ही बनाएं रखे।

~~दीपिकामिश्रा
@deepika079

©Deepika Mishra

फिर से नया उजाला लेकर आया हूँ, मैं नई भोर का सूरज हूँ, अँधेरा मिटाने आया हूँ🙏🙏 मैं नई उम्मीद जगाने आया हूँ, मेहनत की गर्मी से आलस पिघलाने आया हूँ, मैं रोशनी फैलाने आया हूँ, मैं रोशनी फैलाने आया हूँ। नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं... आप सभी स्वस्थ रहे और अपनी लगन और मेहनत से नई ऊंचाईओं को छुएं, यही कामना है🙏🙏 आप सभी अपना प्यार और साथ ऐसे ही बनाएं रखे। ~~दीपिकामिश्रा @deepika079 ©Deepika Mishra

फिर से नया उजाला लेकर आया हूँ, मैं नई भोर का सूरज हूँ, अँधेरा मिटाने आया हूँ🙏🙏

मैं नई उम्मीद जगाने आया हूँ,
मेहनत की गर्मी से आलस पिघलाने आया हूँ,

मैं रोशनी फैलाने आया हूँ,
मैं रोशनी फैलाने आया हूँ।

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