"हम सब अंजुमन का हिस्सा होकर भी अकेले है,
दिन काम करने में और रात उन कामों का हिसाब करने में निकल जाती है....
और जो तुम खेल खेल रहे हो ना वो हमने कभी नहीं खेले है....
कभी ख्वाइशें का दम घुटने लगता है तो कभी उनका सौदा करने मे उम्र निकल जाती है...
©jahnvi sharma"