राहे सफर की अनजान होगी। चलने से ही इनसे पहचान होगी | हिंदी शायरी Video

"राहे सफर की अनजान होगी। चलने से ही इनसे पहचान होगी। खुद पर रख भरोसा मेरे दोस्त, कबूल एक दिन तेरी भी अजान होगी। और कभी कभी आलम ये भी आयेगा, डर सामने होगा और जिगर में तेरे मुस्कान होगी। रूपसिंह डोई ©Roopsingh Doi "

राहे सफर की अनजान होगी। चलने से ही इनसे पहचान होगी। खुद पर रख भरोसा मेरे दोस्त, कबूल एक दिन तेरी भी अजान होगी। और कभी कभी आलम ये भी आयेगा, डर सामने होगा और जिगर में तेरे मुस्कान होगी। रूपसिंह डोई ©Roopsingh Doi

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