"कब तक अपने सपनो को अपने संग कमरे में कैद रखेगा!
इन चार दिवारो मे बैठ कितने सपनो को मारेगा ,
चल उठ जा अब तेरी मंजिल तेरे करीब हैं,
कर मेहनत तु ओर इन सपनो को पंख दे,"
कब तक अपने सपनो को अपने संग कमरे में कैद रखेगा!
इन चार दिवारो मे बैठ कितने सपनो को मारेगा ,
चल उठ जा अब तेरी मंजिल तेरे करीब हैं,
कर मेहनत तु ओर इन सपनो को पंख दे,