उदास मन से,
कोई रास्ता
नजर नहीं आता।
मन प्रफुल्लित हो तो
रास्ता भी
दिखने लगता है।
ईश्वर को पाने की दौड़
जीवन को निराशा से
भर देती है, वह व्यर्थ
की दौड़ है क्योंकि ईश्वर
सर्वत्र व्याप्त है।
उसे खोजने का
तात्पर्य है
अपने शरीर रूपी
मकान में खड़े होकर
आते जाते मुसाफिरों से
पता पूछना।
©Deepa Didi Prajapati
#स्वंय_ को _खोजना