हम आपके करिब होकर भी कितने दुर हैं.... इसे महज दिल
"हम आपके करिब होकर भी कितने दुर हैं....
इसे महज दिल की दुरी मैं समझता हुं...
आपके बिन मेरी हस्ती ......
अधुरी मैं समझता हुं...
मैं आपको भुल जाउंं....
ये मुमकिन नही ,लेकिन....
आप मुझे भुल गए......
इसे आपकी मजबुरी मैं समझता हुं..।"
हम आपके करिब होकर भी कितने दुर हैं....
इसे महज दिल की दुरी मैं समझता हुं...
आपके बिन मेरी हस्ती ......
अधुरी मैं समझता हुं...
मैं आपको भुल जाउंं....
ये मुमकिन नही ,लेकिन....
आप मुझे भुल गए......
इसे आपकी मजबुरी मैं समझता हुं..।