राहें पथिक तू देखता किसकी, संघर्षरत जीवन हैं मिले | हिंदी कविता Video

"राहें पथिक तू देखता किसकी, संघर्षरत जीवन हैं मिलेंगी राहें कठिन ही। श्यामतन सा बंधा यौवन तेरा, धर हाथों में आलोक का हथौड़ा, कर तिमिर राहों की अगवानी। आएंगी राहों में आपदाएं लाख चाहें, कातर हो पथिक राह तूम तज ना देना, बन प्रतिरूप तितिक्षा का आततायीयों से जा भिड़ना, बसुधा को शमन प्रदान कर ही आना। राहें पथिक तू देखता किसकी, संघर्षरत जीवन हैं मिलेंगी राहें कठिन ही। (श्यामतन-साँवला रंग, कृष्ण रुपी।बंधा- संयमपूर्ण। आलोक-प्रकाश। तिमिर- अंधकार। कातर-भयभीत। तज-छोड़ना। तितिक्षा-सहनशीलता। आततायीयों -उपद्रवकारी। बसुधा-पृथ्वी,धरती। शमन-शांति) ©सिन्टु सनातनी "फक्कड़ " "

राहें पथिक तू देखता किसकी, संघर्षरत जीवन हैं मिलेंगी राहें कठिन ही। श्यामतन सा बंधा यौवन तेरा, धर हाथों में आलोक का हथौड़ा, कर तिमिर राहों की अगवानी। आएंगी राहों में आपदाएं लाख चाहें, कातर हो पथिक राह तूम तज ना देना, बन प्रतिरूप तितिक्षा का आततायीयों से जा भिड़ना, बसुधा को शमन प्रदान कर ही आना। राहें पथिक तू देखता किसकी, संघर्षरत जीवन हैं मिलेंगी राहें कठिन ही। (श्यामतन-साँवला रंग, कृष्ण रुपी।बंधा- संयमपूर्ण। आलोक-प्रकाश। तिमिर- अंधकार। कातर-भयभीत। तज-छोड़ना। तितिक्षा-सहनशीलता। आततायीयों -उपद्रवकारी। बसुधा-पृथ्वी,धरती। शमन-शांति) ©सिन्टु सनातनी "फक्कड़ "

#फक्कड़

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